मिशन बी -ए ल ल (B-ALL)-एक एक्यूट ल्य्म्फोब्लास्टिक लुकेमिआ के मरीज द्वारा लिखी और साझा की गयी कहानी : अन्य मरीजों के लिए प्रेरणास्रोत।

लेखक : तैय्यब (अनुमति से सार्वजनिक)

तैय्यब राज्य सुख शांति से चल रहा था तभी डायरिया नमक राक्षश ने हमला कर दिया और तीन दिनों तक मारा मरी चली. इसी का फायदा उठा के लुकेमिआ राज्य के एक्यूट B-ALL राजा ने लिम्फोब्लास्टिक मिसाइल से हमला कर तैय्यब राज्य में तबाही मचा दी और तैय्यब राज्य का पारा १०३ डिग्री तक चढ़ गया. स्थिति गंभीर होते देख तैय्यब राज्य के प्रतिभा नर्सिंग होम ने SGPGI राज्य से मदद मांगी। SGPGI राज्य के जनरल डॉ सोनिया नित्यानंद ने मसले के जाँच के आदेश दिए और डा यतेंद्र पराशर द्वारा की गयी जाँच में लिम्फोब्लास्टिक मिसाइल से हमले की पुस्टि होने पर जनरल डॉ सोनिया नित्यानंद, जनरल डॉ राजेश कश्यप, जनरल डॉ अंशुल गुप्ता और जनरल डॉ संजीव ने जवाबी हमले के लिए सुप्रीम कमांडर डॉ सुजीत को आदेश दिए.

जवाबी हमले की तैयारी के लिए पहले तैय्यब राज्य को SGPGI राज्य में शामिल किया गया और कमांडर डॉ अरिजीत को कमान पकड़ाई गयी. फिर क्या था, मेरो, तारगो से सर्जिकल स्ट्राइक किया गया और जरुरत पड़ने पर पेरासिटामोल का छिड़काव भी किया गया और एसवीर, फ्लुकोण , सेप्ट्रान नामक गोलों का भी ताबतोड़ प्रयोग हुआ. इसी बिच तैय्यब राज्य का पारा कम हुआ और ओमनाकोर्टिल नमक अस्त्र का प्रयोग चालू हुआ.

तैय्यब राज्य की सेना बहादुरी से लड़ी लेकिन उसके सिपाही (Hb, TLC, PLT) भी मरते गये और बचे सिपाहियों के साथ मिलकर कमांडर डॉ अरिजीत ने मिशन B-ALL को और भी स्ट्रांग कर दिया और रासायनिक अस्त्रों जैसे के विनक्रिस्टिन, सीपीएम का प्रयोग शुरू किया। काम धेनु, असाध्या रोग निधि से पैसे मिले और अनन्या मैडम की मदद से जीवदया से भी मदद मिली और यह मदद पाके पिक लाइन नमक सुरंग खोदी गयी जिसे रासायनिक अस्त्रों को भेजा गया और जंग ने आक्रामक रूप धारण कर लिया।

वह सुरंग जिसका प्रयोग से रासायनिक अस्त्रों की एंट्री करई गयी
(इसे PICC लाइन कहते हैं )

रासायनिक अस्त्रों पिक लाइन से एंट्री करई गयी और युद्ध की विभीषिका को आंकते हुए न्यूकाईन नमक जेट फाइटर से टीएलसी बटालियन को भेजा गया. कीमो राज्य न स्तापित होने पर रोबोट सेना सीटोसार से भी हमला किया गया और इससे तैय्यब राज्य के सैनिक (Hb, TLC, PLT) भी मरे जा रहे थे, इससे एकजुट सेना भगदड़ मच गयी. स्थिति को देखते हुए दूसरे राज्यों से ब्लड और प्लेटलेट मंगाए गए और न्यूकाईन नमक जेट फाइटर तैनात किये गए. इसके तुरंत बाद हाई डोज़ का राज्य स्तापित किया गया और कामयाबी मिलते ही वीटो पावर लगा के डिस्चार्ज कर दिया गया. मेरे कमांडर डॉ अरिजीत अगले स्ट्राइक की तैयारी में हैं।

इस लड़ाई में मेरा साथ देने वाले SGPGI के सभी कर्मचारियों तो मैं धन्यवाद् देता हूँ।

 

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