मायलोमा के इलाज में बोर्टेजोमिब दवाई से होने वाले साइड इफेक्ट्स की जानकारी- सावधानी और दवाई को देने का उचित तरीका

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बोर्टेजोमिब मायलोमा में दी जाने वाली एक मत्वपूर्ण दवाई है – इसके आने के बाद मायलोमा के इलाज में बोहोत ज्यादा सुधर हुआ है परन्तु इसका सही समय और दोज में लेना बोहोत जरुरी है. इस लेख में इसे कैसे लेना है और इसके मत्वपूर्ण साइड इफेक्ट्स क्या है इसकी जानकारी दी जाएगी। यह आमतौर पे दो तरह के कॉम्बिनेशन में दी जाती है जो निचे लिखी है.

बोर्टेजोमिब/लेनलीडोमीड/डेक्सामेथासोन
बोर्टेजोमिब/थालिडोमीड/डेक्सामेथासोन

बोर्टेजोमिब को कितने दिन के अंतराल पे लेना है और कैसे लेना है ?

बोर्टेजोमिब सप्ताह में एक बार इंजेक्शन के तौर पे लेना होता है। 28 दिन के केमो साइकिल में 4 सप्ताह होते है – इस तरह से 1 साइकिल में 4 इंजेक्शन लेने होते है।

उदाहरण के लिए अगर आपका बोर्टेजोमिब/लेनलीडोमीड/डेक्सामेथासोन कॉम्बिनेशन चल रहा तो दवाई इस तरह चलता है !

सप्ताह 1 दिन 1 बोर्टेजोमिब लेनलीडोमीड डेक्सा
दिन 2 x लेनलीडोमीड x
दिन 3 x लेनलीडोमीड x
दिन 4 x लेनलीडोमीड x
दिन 5 x लेनलीडोमीड x
दिन 6 x लेनलीडोमीड x
दिन 7 x लेनलीडोमीड x
सप्ताह 2 दिन 1 बोर्टेजोमिब लेनलीडोमीड डेक्सा
दिन 2 x लेनलीडोमीड x
दिन 3 x लेनलीडोमीड x
दिन 4 x लेनलीडोमीड x
दिन 5 x लेनलीडोमीड x
दिन 6 x लेनलीडोमीड x
दिन 7 x लेनलीडोमीड x
सप्ताह 3 दिन 1 बोर्टेजोमिब लेनलीडोमीड डेक्सा
दिन 2 x लेनलीडोमीड x
दिन 3 x लेनलीडोमीड x
दिन 4 x लेनलीडोमीड x
दिन 5 x लेनलीडोमीड x
दिन 6 x लेनलीडोमीड x
सप्ताह 4 दिन 1 बोर्टेजोमिब 7 दिन बंद डेक्सा
दिन 2 x 7 दिन बंद x
दिन 3 x 7 दिन बंद x
दिन 4 x 7 दिन बंद x
दिन 5 x 7 दिन बंद x
दिन 6 x 7 दिन बंद x
दिन 7 x 7 दिन बंद x

नोट : ऊपर के टेबल के हिसाब से आमतौर पे यह प्रोटोकॉल चलता है। आपकी स्थिति देख के आपके डॉक्टर इसमें कुछ बदलाव कर सकते हैं उसे जरूर फॉलो करें।

दवाई लेने की विधि !

यह दवाई चमड़ी में लेनी होती है (ठीक वैसे जैसे इन्सुलिन दी जाती है ), सूखे पाउडर की शीशी में 1.2 ML डिस्टिल्ड वाटर (साथ में उपलब्ध) मिला के घोल ली जाती है और फिर सिरिंज में ले के चमड़ी में दे दी जाती है। इसे आप घर पे किसी कमपौण्डर को बुला के दिलवा सकते हैं, उनको बस ये बताना है की इसे घोलकर इन्सुलिन जैसे चमड़ी में दी जनि है (डिब्बे के साथ जानकारी भी दी जाती है – उसमे भी देखा जा सकता है)/ देते समय डोज़ का धयान जरूर रखे जो आपके डॉक्टर ने आपके पर्चे पे लिखी है।

अगर आपका डायलिसिस भी चल रहा है तो इंजेक्शन डायलिसिस प्रक्रिया ख़तम होने के बाद इसको लेना चाहिए।

धयान रहे इसे मांस (इंट्रामस्क्युलर IM ) या फिर नस (IV) में नहीं देना है।

बार बार एक ही जगह इंजेक्शन देने से घाव बन सकता है इसलिए ये इंजेक्शन 4 अलग अलग जगह पे दें जैसे इस चित्र में दिखाया गया है

1. साइकिल का पहला इंजेक्शन
2. साइकिल का दूसरा इंजेक्शन
3. साइकिल का तीसरा इंजेक्शन
4. साइकिल का चौथा इंजेक्शन

फिर इसी तर्ज पे रिपीट करते रहे – इससे इंजेक्शन की जगह पे घाव नहीं बनता।

Image Source: IMWG website


बोर्टेजोमिब के साइड इफेक्ट्स के बारे में बातये जिससे हमे खासतौर पे सतर्क रहना है ?

ज्यादा तर साइड इफेक्ट्स पहले से पता होता है (जिनकी होने की संभावना होती है ) और मैनेज करने वाले होते हैं जिनको इस दवाई को कुछ दिन के लिए बंद करने या फिर डोज़ काम करने से कण्ट्रोल किया जा सकता है। थकान होना या जी मिचलना/उलटी होना ये कॉमन साइड इफेक्ट्स हैं।
कुछ साइड इफेक्ट्स ऐसे होते हैं जिसको तुरंत अपने डॉक्टर को दिखने की जरुरत पड़ती है क्यूंकि इससे किसी गंभीर समस्या के संकेत मिलते हैं।

बोर्टेजोमिब दवाई से होने वाले साइड इफेक्ट्स – कब इलाज करने वाले आपके डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए:-

इन सभी स्थिति में आप अपने डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करने की कोशिस करें।

1. पेेर और हाँथ में जलन या झुनझुनी या फिर पेेर से चलते वक़्त चप्पल का निकल जाना या फिर अपने हाँथ से बटन बंद करने में दिक्कत का होना – इससे नर्वस सिस्टम की कमजोरी के संकेत मिलता हैं।
2 . पेट का ख़राब होना /दस्त होना – लम्बे समय तक या फिर बार बार हो 
3 . BP का काम रहना / सो कर उठने के बाद चक्कर आना या फिर फैंट हो जाना – इससे नर्वस सिस्टम की कमजोरी के संकेत मिलता हैं।
4 . चमड़ी पे दाने आना जिसमे दर्द/जलन हो – यह वायरल इन्फेक्शन की और संकेत करता है
5 . TLC और PLT का काम होना जिससे इन्फेक्शन और ब्लीडिंग का खतरा होता है (प्लेटलेट अगर 50000 से काम और TLC 2000 से कम)

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