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विटामिन बी 12 की कमी से कई बीमारियां हो सकती हैं। इनमें से कुछ बीमारियों का इलाज तो आसानी से कराया जा सकता है, लेकिन कुछ रोग ऐसे भी हैं जो बहुत ही गंभीर होते हैं। इन गंभीर बीमारियों के कारण मरीज को बहुत अधिक परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।
- शरीर में खून की कमी (एनीमिया) से बचाव में विटामिन बी 12 (Vitamin B 12) बहुत ही फायदेमंद है।
- इसकी कमी से तंत्रिका-तंत्र को बहुत अधिक क्षति पहुंच सकती है, मरीजों को इससे होने वाले नुकसान को जीवन भर झेलना पड़ सकता है।
विटामिन बी12 शरीर की सभी कोशिकाओं की सक्रियता में बेहद अहम भूमिका निभाता है और शाकाहारियों में इसके कम होने की ज्यादा आशंका होती है
कई मांसाहारी खाद्य पदार्थ हैं जिनमें विटामिन बी 12 भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ज्यादातर लोग इस विटमिन की प्राप्ति के लिए केवल मीट या नॉनवेज पर ही निर्भर हैं क्योंकि ह्यूमन बॉडी ज्यादातर वेज चीजों से इस विटमि को प्राप्त नहीं कर पाती है। यह न तो हरी सब्जियों में होता है, न फलों में, जैसा कि हमें प्राय: गलतफहमी रहती है, हालांकि डेयरी प्रॉडक्ट्स जैसे, दूध, दही, मक्खन, पनीर के सेवन से इस कमी को दूर किया जा सकता है।
तो वे शाकाहारी लोग जो दूध, दही या पनीर भी नहीं लेते या नहीं ले पाते या बस कभी-कभी ही लेते हैं, उनमें विटामिन बी12 की कमी पैदा हो जाना एक आम स्वास्थ्य समस्या है। हमारे देश में एक बड़ी आबादी शाकाहारी है और अगर वह दूध-दही या पनीर भी नहीं लेती तो उसके लिए विटामिन बी12 की कमी का खतरा हमेशा रहता है। शाकाहारी लोगों के लिये दूध एक अच्छा विकल्प है। इसके अलावा सोया प्रोडक्ट सोया बीन, सोया दूध आदि में भी विटामिन B 12 पाया जाता है। हमारी बॉडी लंबे समय तक इस विटमिन को स्टोर करके नहीं रखती है तो हमें इसके सप्लिमेंट्स लेते रहने की जरूरत होती है।
फॉलिक एसिड (विटामिन) भी इन सारे कामों में बराबर का रोल अदा करता है। इसीलिए कई बार तो शरीर में बी 12 की मात्रा ठीक-ठाक भी रही हो लेकिन यदि फॉलिक एसिड की कमी हो जाए तब भी वे बीमारियां आ सकती हैं जो आमतौर पर बी 12 की कमी से हुई मानी जाती हैं.
स्थितियां जिनमें हमें इन विटामिनों की कमी का संदेह होना चाहिए :-
- खून की ऐसी कमी (एनीमिया) हो जाए, बहुत थकान लगती हो।
- हाथ-पांव में अकारण झुनझुनी होती हो, चलने में लड़खड़ाहट होती हो, गिरने का डर लगता हो।
ऐसी आशंका हो तो खून की एक जांच से इसका पता लगाया जा सकता है, और पता चल जाए तो फिर आसानी से इलाज भी संभव है।