
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया – शरीर में प्लेटलेट का कम होना – यह किस प्रकार की समस्या है ?
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया तब होता है जब रक्त में सामान्य से कम प्लेटलेट्स होते हैं। प्लेटलेट्स (थ्रोम्बोसाइट्स) रक्त कोशिकाएं हैं जो खून के थक्के बनाने के लिए आवश्यक हैं। कट या घाव होने पर वे रक्तस्राव को रोकने या नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया प्लेटलेट की कमी के गंभीरता के तीन स्तर होते हैं – यह हल्के स्तर से गंभीर स्तर तक हो सकता है। यह आपके रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या पर निर्भर करता है।
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया की गंभीरता तीन स्तर होते हैं –
- [1] हल्का (प्लेटलेट गिनती 100,000 से 150,000 /microL)
- [2] मध्यम (50,000 से 99,000 / microL)
- [3] गंभीर (50,000 से भी कम / microL)
यदि आपको गंभीर थ्रोम्बोसाइटोपेनिया है (यानि रक्त में प्लेटलेट की संख्या 50,000 से भी कम हैं), तो आपको चोट लगने और रक्तस्राव होने का खतरा अधिक है।
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (शरीर में प्लेटलेट का कम होना) के क्या कारण है?
अस्थि मज्जा में प्लेटलेट्स और अन्य रक्त कोशिकाएं बनती हैं। यह हड्डियों के अंदर का नरम, स्पंजी हिस्सा है।
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया तब हो सकता है जब :
- अस्थि मज्जा पर्याप्त प्लेटलेट्स नहीं बनाती है
- प्लेटलेट्स शरीर द्वारा बनाये जाने की की दर से अधिक तेजी से नष्ट हो जाते हैं
ये समस्याएं कई कारणों से हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
- अस्थि मज्जा में प्लेटलेट्स पर प्रभाव डालने वाली कुछ स्थितियाँ, जैसे कि अप्लास्टिक एनीमिया, ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, कीमोथेरेपी दवाएं और विटामिन बी 12 या फोलेट की कमी
- कुछ वायरल संक्रमण, जैसे कि डेंगू, वैरिकाला (चिकन पॉक्स), एचआईवी और एपस्टीन-बार वायरस
- कुछ प्रतिरक्षा समस्याएं, जैसे ल्यूपस और इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा (आईटीपी)
- कुछ स्थितियां जो बढ़े हुए प्लीहा (स्प्लीन) का कारण बन सकती हैं, जैसे सिरोसिस
गर्भावस्था में भी कभी कभी कुछ कारणों से प्लेटलेट की कमी हो जाती है।
मेरा प्लेटलेट डेढ़ लाख से काम रहता है – क्या मुझे कैंसर है ?
प्लेटलेट का 1 से डेढ़ लाख के बिच होना कोई गंभीर समस्या आम तौर पे नहीं होती है – कई बार मशीन से किये गए प्लेटलेट की गिनती में कुछ तकनिकी वजह से भी प्लेटलेट की संख्या डेढ़ लाख से काम आती है और मैन्युअल काउंट /गिनती करने पे ये सही भी आ जाती है। प्रेगनेंसी में भी दूसरे और तीसरे तिमाही में भी प्लेटलेट आमतौर पे 1 से डेढ़ लाख के बिच रहते है। प्लेटलेट के कम होने के कैंसर के अलावा भी अनेक कारन होते हैं।
कुछ ऐसी परिस्तिथिया है जिनमे प्लेटलेट के कम होने पर तुरंत डाक्टरी (हेमाटोलॉजिस्ट से) सलाह लेनी चाहिए, जैसे की :-
- प्लेटलेट का 1 लाख से कम होना। (50000 से काम प्लेटलेट आमतौर गंभीर बीमारी की ओर संकेत करता है इसलिए इस स्थिति में तुरंत हेमाटोलॉजिस्ट से सलाह लें
- प्लेटलेट के साथ साथ अगर हीमोग्लोबिन और टीएलसी यानि सफ़ेद खून भी सामान्य से काम हो तो हेमाटोलॉजिस्ट से सलाह लें – इसमें ब्लड कैंसर निकलने की संभावना रहती है। कभी कभी इस स्थिति में विटामिन बी 12 या फोलेट की कमी भी निकल के आती है।
- प्लेटलेट के साथ साथ अगर हीमोग्लोबिन भी सामान्य से काम हो और और टीएलसी यानि सफ़ेद खून सामान्य से ज्यादा बढ़ा हुआ हो तो हेमाटोलॉजिस्ट से सलाह लें – इसमें ब्लड कैंसर निकलने की संभावना अधिक रहती है।
- प्लेटलेट काम होने के साथ कहीं शरीर में गांठ महसूस होता है तो कैंसर की संभावना रहती है
- प्लेटलेट काम होने के साथ तेज बुखार भी आ रहा है तो यह किसी इन्फेक्शन की स्थिति को दर्शाता है जैसे की डेंगू
- यदि केवल प्लेटलेट की कमी है और ऊपर लिखे समस्याएं नहीं हैं तो इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया यानि की आईटीपी हो सकता है
ऊपर लिखे परिस्थितियों में तुरंत डाक्टरी सलाह लेना आवशयक है क्यूंकि प्लेटलेट काम होने के गंभीर कारण भी हो सकते हैं और उसका तुरंत पता चलने पे सटीक इलाज भी ज्यादातर मरीजों में संभव हो पता है। इसलिए इन परिस्थितियों में आपको एक हेमाटोलॉजिस्ट (रक्त के बीमारी के विशेषयज्ञ डॉक्टर) से सलाह लेनी चाहिए।
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के लक्षण क्या हैं यानि किन लक्षणों से प्लेटलेट की कमी होने के संकेत मिलते हैं ?
संभावित लक्षणों में शामिल हैं:
- किसी प्रकार के चोट से रक्तस्राव का जल्दी बंद न होना
- त्वचा पर छोटे लाल या बैंगनी धब्बे (पेटीचिया)
- मसूड़ों से खून बहना या फिर नाक से खून बहना
- मूत्र या मल में खून का होना
- सामान्य से भारी मासिक धर्म प्रवाह का होना
![]() |
त्वचा पर छोटे लाल या बैंगनी धब्बे (पेटीचिया) का उदाहरण ऊपर के चित्र से दर्शाया गया है |
ध्यान रहे प्लेटलेट की कमी से कोई कमजोरी आम तौर पे नहीं होती है , कमजोरी और थकान का होना हीमोग्लोबिन कम होने के लक्षण हैं।
ऊपर लिखे परिस्थितियों में प्लेटलेट की कमी हो सकती है इसलिए CBC (ब्लड की जाँच) कर के डाक्टरी सलाह अवस्य लें।
नोट :इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया यानि की आईटीपी प्लेटलेट काम होने का एक आम कारन है और इसका इलाज संभव होता है – इस बीमारी के बारे में विस्तृत जानकारी अलग लेख के माध्यम से इस वेबसाइट पे दी गयी है। |