
सीएमएल के उपचार में इमैटिनिब, निलोटिनिब, दासतिनिब, या बोसुटिनिब जैसी दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है। यदि इनमे से कोई एक दवाई काम करना बंद कर देती है या यह वास्तव में कभी भी ठीक से काम नहीं करती है, तो खुराक बढ़ाई जा सकती है या इनमे से दूसरी दवाई देने की कोशिश की जाती है।
शुरू की गयी दवाई काम कर रही है की नहीं उसका पता नियमित अंतराल पे की जाने वाली बीसीआर/एबीएल की जांच द्वारा लगाया जाता है। यदि कोई व्यक्ति साइड इफेक्ट के कारण कोई दवा नहीं ले सकता है तो दूसरे दवाई पर स्विच करना भी एक विकल्प है।
ये दवाइयां लेनें का सही तरीका:-
[1] इमेटिनिब नाम की दवाई को भोजन के साथ (खाने के बाद ) लेने की आवश्यकता होती है, क्योंकि खाली पेट इसका सेवन पेट में जलन पैदा कर सकता है। इस टेबलेट को पानी के साथ बिना तोड़े पूरा निगल लेना चाहिए।
[2] निलोटिनिब (तैसिगना) नाम की टेबलेट के 2 घंटे पहले और 1 घंटे बाद तक भोजन से बचना चाहिए (यानि इस दवाई को खली पेट ही लेना चाहिए)। इस टेबलेट को पानी के साथ बिना तोड़े पूरा निगल लेना चाहिए।
[3] दसातिनिब नामक दवाई का भोजन के साथ या भोजन के बिना- किसी भी तरह से ली जा सकती है। एक गिलास पानी के साथ गोली को पूरा निगल लें। यदि आपको पेट में जलन या कोई परेशानी होती है तो खाने के आधे घंटे बाद लें।
[4] बोसुटिनिब नाम की दवाई को भोजन के साथ (खाने के बाद ) लेने की आवश्यकता होती है, क्योंकि खाली पेट इसका सेवन पेट में जलन पैदा कर सकता है। इस टेबलेट को पानी के साथ बिना तोड़े पूरा निगल लेना चाहिए।
इन दवाइयों के कुछ साइड इफेक्ट्स होतें हैं जो की आपको जानना चाहिए :-
इन सभी दवाइयों से (सबसे ज्यादा इमेटिनिब से) कुछ हद्द तक आपके चमड़े के रंग में सफ़ेदपन आ जाता है और चमड़े के निचे पानी जमने की वजह से चेहरे खासकर आँखों के नीचे सूजन आ जाता है। यह कोई चिंतनीय साइड इफ़ेक्ट नहीं माना जाता और इसको रोकने और कम करने के लिए कोई दवाई भी नहीं होती। सूजन अगर बोहोत ज्यादा होती है और चेहरे के अलावा पैरों में भी रहने लगे तो कभी कभी आपके डॉक्टर सूजन कम करने की दावाई दे सकते है।
नोट: दसातिनिब नाम की दवाई से छाती में पानी भरने की समस्या हो सकती है इसलिए जो मरीज दसातिनिब दाई खा रहे हैं उनको अगर थोड़ा चलने या काम करने पे सांस लेने में तकलीफ होती हो या फिर लम्बी सांस लेने में छाती में चुभन जैसी दर्द हो या फिर सुखी खांसी आये या इनमे से तीनो समस्या हो रही हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
इन सभी दवाइयों (निलोटिनिब को छोड़ के) से कुछ हद्द तक दस्त की समस्या हो सकती है। बोसुतिनिब नाम की दवाई से ये बोहोत ज्यादा भी हो सकती है। अगर इन दवाइयों के चलने के बाद से आप दस्त की समस्या से परेशान हों तो अपने डॉक्टर को बतावें – वे उसके निवारण के लिए उचित कदम उठाएंगे।
निलोटिनिब नाम की दाई से शुगर बढ़ने की शिकायत आ सकती है इसलिए शुगर का नियंत्रण और नियमित जांच बोहोत जरुरी है अगर ये दाई शुरू की गयी है तो।
इन दवाइयों के बनने के बाद से सीएमएल एक घातक बीमारी नहीं रह गयी है और 90 % से ज्यादा मरीज सामान्य जीवन यापन करते हैं – हलाकि इनमे से कुछ मरीज साइड इफेक्ट्स से परेशान रह सकते हैं, वैसी स्थिति में दवाइयां बदली भी जाती है।
इन दवाईओं का प्रति माह खर्च इस प्रकार है:-
इमेटिनिब – 700 से 1800 प्रति माह
दसातिनिब – 1500 से 4000 प्रति माह
निलोटिनिब – 6000 से 7000 प्रति माह